झलकाओं ना आंखो से ज़ाम हम सुखे सुखे जी रहे तेरे जाने से सुबह शाम हम जगह जगह पी रहे अब क्यूं ना-आ-आ ख़्वाबों में आओ जहां गए थे सनम हमें भी ले जाओ अब ना बैठेंगे यहां पे बात निकली है जहां से दुनिया वालो का क्या दुनिया वालो का क्या
तुम कबके जा चुके पर याद आते हो किसी और चेहरे में दिख भी जाते हो अभी दिन ही क्या हुए जो इतना सताते हो तेरे भोले भाले से चेहरे पे ये जचती ना-आ-आ-आ-आ हमे होशियारी ये छोड़ दो करेंगे पूजा तुम्हारी (तुम्हारी तुम्हारी)
इंतज़ार क्यूं ये जिम्में आ गए ना ही चल सकोगे ये बता गए के इंतेहां हो गई मैं मर रहा तू खो गई (खो गई) के अब क्यूं ना नज़र मिलाते हो (मिलाते हो) मैं जिंदगी मांगता कहो आते हो तो फिर क्यूं ना-आ-आ मुझको बताओ खत लिखे थे मुझे वो पढ़के सुनाओ अब ना पूछेंगे समा से के तुम रहते हो कहां पे इन हवाओं का क्या इन फिज़ाओं का क्या